Sunday, December 7, 2014

हमारे सपनो पर भले हीं आज भी काबू हो तुम्हारा
इन आँखों में अश्कों को कैद रखना सीख लिया है हमने. 
अपने दिल से भले हीं मिटा ना पायें   हम जख्म यह  सारे 
दुनिया    से इन्हें  छुपाना   सीख लिया है हमने . 

No comments:

Post a Comment